काले गेहूं की खेती करने का तरीका, उपज, बीज दर, साधारण गेहूं और काले गेहूं में अंतर

काले गेहूं की बुवाई समय से एवं पर्याप्त नमी पर करना चाहिए. देर से बुवाई करने पर उपज में कमी होती है. जैसे-जैसे बुवाई में विलम्ब होता जाता है, गेहूं की पैदावार में गिरावट की दर बढ़ती चली जाती है. दिसंबर में बुवाई करने पर गेहूं की पैदावार 3 से 4 कु0/ हे0 एवं जनवरी में बुवाई करने पर 4 से 5 कु0/ हे0 प्रति सप्ताह की दर से घटती है.

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सोयाबीन में खरपतवार प्रबंधन

परिचय

सोयाबीन विश्व की एक प्रमुख फसल है। हमारे देश में यह विगत वर्षो में न केवल उच्च प्रोटीन वरन खाद्य तेल युक्त महत्वपूर्ण फसल के रूप में उभरी है। सोयाबीन उगाने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश क्षेत्रफल (5.2 मिलियन हेक्टेयर) एवं उत्पादन (5.1 मिलियन टन) की दृष्टि से अग्रणी है तथा देश के सोयाबीन उत्पादन में 80 प्रतिशत का भागीदार है।

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सोयाबीन की खेती- किस्में, रोकथाम व पैदावार ! Soybean Cultivation in Hindi

सोयाबीन (Soybean) खरीफ की फसल है। सोयाबीन (Soybean) जिव पोषण और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी खाद्य पदार्थ है, जिसके अंदर कार्बोहाइड्रेट 21 प्रतिशत, वसा 22 प्रतिशत, प्रोटीन 33 प्रतिशत और 12 प्रतिशत नमी होती है। इसलिए हम कह सकते है की सोयाबीन मानव जीवन के लिए कितना उपयोगी खाद्य पदार्थ है। सोयाबीन भारत की सबसे महत्वपूर्ण तिलहनी और जड़ ग्रंथिय फसल है। खाद्य तेल आपूर्ति और सोया खली निर्यात से सोयाबीन ने भारत देश की अर्थव्यवस्था को सुद्धढता प्रदान की है।

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